---Advertisement---

Hindi Ras Mock Test – [100+ Questions]

By: tinymocker@gmail.com

On: July 20, 2025

Follow Us:

---Advertisement---

Job Details

Job Salary:

Job Post:

Qualification:

Age Limit:

Exam Date:

Last Apply Date:

Hindi Ras Mock Test- क्या आप जानते हैं कौन सा रस भावनाओं का राजा कहलाता है? क्या आप वीर रस और करुण रस के अंतर को पहचान सकते हैं? हिंदी साहित्य में रस हमारे भावनात्मक अनुभवों का मूल है – प्रेम, वीरता, करुणा, हास्य और भी बहुत कुछ।आइए, इस मज़ेदार क्विज़ के ज़रिए अपने ज्ञान को परखें और जानें कि आप हिंदी रसों को कितना समझते हैं!
इस पोस्ट में हमने हिंदी के ‘रस’ अध्याय पर आधारित आठ टेस्ट सीरीज शामिल किया है जो आपकी तयारी को परखने के लिए बहुत उपयोगी है इसलिए इस टेस को अवश्य दें |

Ras Mock Test Series

रस Test Series 1

Question : 12

Time: 15 min.

रस Test Series 2

Question : 12

Time: 15 min.

रस Test Series 3

Question : 12

Time: 15 min.

रस Test Series 4

Question : 12

Time: 15 min.

रस Test Series 5

Question : 12

Time: 15 min.

रस Test Series 6

Question : 12

Time: 15 min.

रस की परिभाषा:

“रस” शब्द का शाब्दिक अर्थ है — स्वाद या आनंद
भारतीय काव्यशास्त्र में रस को साहित्य का प्राण माना गया है। जब कोई साहित्यिक रचना पाठक या श्रोता के मन में विशेष प्रकार की भावना उत्पन्न करती है और उसे मानसिक आनंद की अनुभूति होती है, तो उस भाव को रस कहते हैं।

भरतमुनि ने अनुसार:
“विभावानुभावव्यभिचारिसंयोगाद्रसनिष्पत्तिः।”
(भाव, अनुभाव और संचारी भावों के मेल से रस उत्पन्न होता है।)

रस के चार अंग (तत्व)
विभाव (Vibhav)

यह वह कारण या प्रेरणा होती है जिससे किसी भाव की उत्पत्ति होती है। विभाव दो प्रकार के होते हैं:

  • आलंबन विभाव – जिस पर भाव आता है (जैसे: नायक-नायिका)
  • उद्दीपन विभाव – भाव को जगाने वाला वातावरण (जैसे: चाँदनी रात, फूलों की सुगंध)

       उदाहरण: प्रेम रस में नायक (आलंबन) और चाँदनी रात (उद्दीपन)

अनुभाव (Anubhav)

भावों की बाहरी अभिव्यक्ति को अनुभाव कहते हैं। जब मन में कोई रस उत्पन्न होता है तो वह हाव-भाव से प्रकट होता है।

     उदाहरण: आँखों से आँसू आना, मुस्कुराना, काँपना, पसीना आना आदि

संचारी भाव (sanchari Bhav) :

ये सहायक भाव होते हैं जो मुख्य रस को मजबूती और गहराई प्रदान करते हैं। ये क्षणिक होते हैं।

  • संख्या: 33
  • उदाहरण: ग्लानि, भय, आशंका, लज्जा, आश्चर्य, स्मृति आदि
स्थायी भाव (Sthayi Bhav)

यह मुख्य और स्थायी भावना होती है जो अंततः रस में परिवर्तित होती है। यही भाव पाठक या दर्शक के मन में आनंद की अनुभूति कराता है।

रस के मुख्य 9 प्रकार (नवरस):
क्रमरस का नामस्थायी भावलक्षण / भावउदाहरण
1.श्रृंगार रसरति (प्रेम)प्रेम, सौंदर्य, आकर्षणराधा-कृष्ण की लीलाएँ
2.वीर रसउत्साहसाहस, पराक्रमशिवाजी की वीरता
3.करुण रसशोकदुःख, करुणासीता का वनवास
4.हास्य रसहासहँसी, व्यंग्यतेनालीराम की कथाएँ
5.रौद्र रसक्रोधरोष, आक्रोशदुर्गा का राक्षस-वध
6.भयानक रसभयडर, आतंकयुद्ध की विभीषिका
7.बीभत्स रसघृणाविकृति, अपमानराक्षसी आचरण
8.अद्भुत रसआश्चर्यविस्मय, रोमांचविभीषण का राम को सहयोग
9.शांत रसनिर्वेदवैराग्य, शांतिबुद्ध का निर्वाण
रस के अन्य प्रकार (नवरस के अतिरिक्त)

भक्ति रस

  • भाव: ईश्वर के प्रति प्रेम, श्रद्धा और समर्पण
  • स्थायी भाव: श्रद्धा
  • उदाहरण: सूरदास, मीराबाई, तुलसीदास की रचनाएँ
  • उदाहरण पंक्ति: “प्रभु मोरे अवगुन चित न धरो…”

वात्सल्य रस

  • भाव: माता-पिता और संतान के बीच स्नेह
  • स्थायी भाव: स्नेह
  • उदाहरण: यशोदा और कृष्ण का संबंध, कौसल्या और राम
  • उदाहरण पंक्ति: “मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो…”

रस की उत्पत्ति कैसे होती है?

रस की उत्पत्ति तब होती है जब –

  • कवि या लेखक किसी विशेष भावना को कलात्मक ढंग से प्रस्तुत करता है।
  • पाठक या श्रोता उस भावना को स्वयं अनुभव करता है और उसमें तल्लीन हो जाता है।

रस का महत्व:

  • यह साहित्य में जीवन का संचार करता है।
  • यह पाठक के हृदय को स्पर्श करता है।
  • यह मनुष्य के भावनात्मक विकास में सहायक होता है।
  • यह कविता, नाटक, कथा, गीत आदि को प्रभावशाली बनाता है।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Related Posts

Leave a Comment